मनःस्थली (Mental Health)

साँसों से बंधी हैं सुकून की डोर

घड़ियाँ प्रतीक्षा की हो या निर्णय की, दोनों में ही मन का स्थिर और शांत रहना बहुत जरुरी हैं। धैर्य के बिना की गयी प्रतीक्षा, और विवेक के बिना लिए गए निर्णय, दोनों ही नुकसानदेह साबित होते हैं! यानि हर परिस्थिति का सामना करना के लिए हमें मन को स्थिर और शांत बने रहने की ट्रेनिंग देनी हैं।
कैसे दें?

अध्यात्म (Spiritualism)

ख़ास हैं शरद पूर्णिमा!

स्वागत, शरद पूर्णिमा के चन्द्रमा! विज्ञान ने बताया के चन्द्रमा उपग्रह है। धरती के आकर्षण में बँधा घूमे जा रहा है युगों से…धरती का जो आकर्षण चाँद को बाँध रहा, उस आकर्षण से धरती भी अछूती कहाँ है… धरती का 70% हिस्सा पानी है जो चाँद के आकर्षण में बँधा, चाँद को छूने का प्रयास […]

मनःस्थली (Mental Health)

जानिये अपनी साँसों का हाल चाल

जिंदगी वैसी होती हैं जैसा हमारा मन उसे महसूस करता हैं। मन को वश में करने का मतलब ये नहीं हैं के उस से कुछ भी महसूस करने के अधिकार छीन लिए जाएँ, उसे रूखा सा कर के रख दें बल्कि मन को वश में करने का मतलब होता हैं उसे ट्रांसफॉर्म करना, रूपान्तरित करना, यानी उसकी प्रोग्रामिंग को बदल कर उसे मजबूत बनाना।
और ये जो साँसें आप ले रहे हैं न यही हैं आपके मन की इंजीनियर! जो सारी coding को बदल के रख देगी। कैसे?

मनःस्थली (Mental Health)

सम्भालिये अपने अंदर के मौसम को

मन का अंतर्द्वंद सिर्फ अनिर्णय की अवस्था ही नहीं देता, अनचाहे निर्णय लेने को बाध्य भी करता हैं. इसका असर सिर्फ हमारी भावनाओ पर ही नहीं पड़ता बल्कि शरीर के अंदर का पूरा मौसम इसकी चपेट में आता है. शरीर के सभी अंग एक निश्चित तरह की प्रोग्रामिंग के तहत काम करते हैं तो शरीर के भीतर का मौसम संतुलित बना रहता हैं। शरीर के अंदर का मौसम यानी…

मनःस्थली (Mental Health)

कहाँ से हो कर जाता हैं “विवेक” का रास्ता

ये सारी स्थितियाँ वे थी जब चित्त को स्थिर रखने की ज़रूरत थी। यह समय संतुलन खोने का नहीं था। पर भावनाएँ विचलित थी, बुद्धि यह प्रमाणित करने में लगी थी मैं सही हूँ जब अंदर इतने तूफ़ान चल रहें हो तो कौन रखता मन को स्थिर? मन को उसकी स्थिरता लौटा देने का दायित्व प्रकृति में हमारे ही शरीर के एक सिस्टम को सौंपा है और इसका नाम है…

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