व्यक्ति का व्यवहार उसके स्वभाव से ही नियंत्रित होता हैं, सही बात हैं। कोई भी आत्मा अपने संस्कार ले के आती हैं, ये भी सही हैं। प्रत्येक व्यक्ति अपने इन्ही गुणों के अनुसार व्यवहार करते हैं। ये गुण भी प्रकृति से ही मिलते हैं और प्रकृति ईश्वर की रचना हैं इसलिए ईश्वर द्वारा दिए गए […]
परिस्थितियां अटल है और फिर भी भाग्य रचयिता मैं हूँ ! कैसे? आइये इसे एक साधारण समीकरण से समझते हैं। भाग्य = नियति + वर्तमान कर्म ‘नियति’ यानि वे परिस्थितियां जो हमारे सामने हमारी इच्छा अनिच्छा के बिना आती हैं। ‘वर्तमान कर्म’ यानि उन परिस्थितियों के आने पर जो “जो हम करते हैं, कहते हैं […]
लॉ ऑफ़ कर्मा (law of karma) यानि “कर्म का सिद्धांत” या “कुदरत का कानून” क्या अर्थ है इसका? कर्म का साधारण अर्थ है “कोई कार्य करना” पर ध्यान रहे हमारी सोच, हमारे शब्द और हमारे कार्य ये सभी “कर्म” के अंतर्गत आते हैं ! भौतिक विज्ञानं का “कारण और परिणाम” का सिद्धांत (law of cause and effect) हमें बताता […]
हमें मृत्यु से डर लगता हैं क्यों कि हम नहीं जानते कि मृत्यु के बाद क्या होता हैं। धरती पर हमारा जीवन वास्तव में गुरुकुल में शिक्षा पूर्ण करने जैसा है जो पूर्ण करके हमें ‘अपने घर’ जाना हैं। जी हाँ हमारे अपने घर। इस दुनियाँ से अलग एक और दुनियां भी हैं…रूहानी दुनियां, जिसे […]
अगर आपसे कहा जाये कि अपना परिचय दीजिये तो क्या कहेंगे आप? आपका जवाब कुछ ऐसा होगा, “मैं एक डॉक्टर हूँ” या “मैं एक इंजीनियर हूँ” या “शिक्षक हूँ” या “वकील हूँ” आदि। तो क्या यह आपका वास्तविक परिचय है? आप जन्म से ही तो डॉक्टर, इंजीनियर, शिक्षक या वकील नहीं थे। ये आपका व्यवसाय है, आरम्भ […]