मैं बहुत सहनशील हूँ, सब बर्दाश्त कर के भी रिश्ते निभाना आता है मुझे। ना-ना मैं कभी किसी को पलट कर जवाब नहीं देती! क्लेश नहीं शांति चुनती हूँ! किसी को तो रिश्तों की नींव बनना ही होगा ना, जो रिश्तों की नींव बनेगा उसे तो अपनी इच्छाओं को अँधेरी जमीन में दफ़न करना ही […]
‘घर’ दुनिया की सबसे प्यारी जगह ! ‘परिवार’ सबसे सुरक्षित माहौल का नाम ! पर कभी-कभी यही वह जगह बन जाती है जहाँ आपका मन सबसे ज्यादा दर्द से गुजरता है। जहां से स्नेह, भरोसे का अमृत मिलना चाहिए वहीँ किसी से विषैला व्यवहार मिल रहा होता है। दोस्त, पड़ौसी या किसी दूर के रिश्तेदार […]
हर एक बात पर कहते हो तुम कि तू क्या हैं ! तुम्हीं कहो के ये अंदाज-ए-गुफ़तगू क्या हैं !! मियां ग़ालिब का ही नहीं हमारा भी अक्सर वास्ता पड़ता हैं ऐसे लोगों से…! बड़ा मुश्किल हो जाता है खुद को रोकना जब कोई बेवजह, लगातार हमसे रूखा व्यवहार करता हो। कोई गलती बताये तो […]
डिप्रेशन से जूझते वक़्त हर छोटी से छोटी बात भी चुनौती बन जाती हैं। काम पर जाना हो, रिश्तेदारियाँ निभानी हो, दोस्तों से मिलना हो यहाँ तक की सुबह बिस्तर छोड़ना भी एक दुष्कर कार्य बन जाता हैं। पिछली बार हमने बात की थी क्या हैं ये डिप्रेशन (डिप्रेशन – रोग या सिर्फ मन का […]
“अब अपने दिल पर मेरी हुकूमत नहीं रही सियासत से अपनी अब, ये इलाका भी चला गया…” इश्क़? जी नहीं ये डिप्रेशन भी हो सकता हैं !! कितना जानते हैं आप डिप्रेशन को? आप कहेंगे डिप्रेशन यानि.. हर वक़्त की उदासी, उतरा हुआ मुँह, थकान, मन नहीं लगना, नींद नहीं आना, या बहुत ज्यादा नींद […]