ये सारी स्थितियाँ वे थी जब चित्त को स्थिर रखने की ज़रूरत थी। यह समय संतुलन खोने का नहीं था। पर भावनाएँ विचलित थी, बुद्धि यह प्रमाणित करने में लगी थी मैं सही हूँ जब अंदर इतने तूफ़ान चल रहें हो तो कौन रखता मन को स्थिर? मन को उसकी स्थिरता लौटा देने का दायित्व प्रकृति में हमारे ही शरीर के एक सिस्टम को सौंपा है और इसका नाम है…
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मनःस्थली (Mental Health)