कार्तिक माह की अमावस्या, दीपावली का महापर्व. यह सिर्फ उत्सव की ही रात्रि नहीं हैं, आध्यात्म जगत में यह रात्रि इतनी अधिक महत्वपूर्ण हैं के इसे “सिद्धरात्रि” कहा जाता हैं. क्या हैं ऐसा इस रात्रि में जो ये मन्त्रों को सिद्ध कर देने का सामर्थ्य रखती हैं?
स्वागत, शरद पूर्णिमा के चन्द्रमा! विज्ञान ने बताया के चन्द्रमा उपग्रह है। धरती के आकर्षण में बँधा घूमे जा रहा है युगों से…धरती का जो आकर्षण चाँद को बाँध रहा, उस आकर्षण से धरती भी अछूती कहाँ है… धरती का 70% हिस्सा पानी है जो चाँद के आकर्षण में बँधा, चाँद को छूने का प्रयास […]
शादी के लिए योग्य वर/वधु की तलाश के शुरू होते ही अक्सर एक और वाक्य सुनाई देने लगता हैं – लड़की मांगलिक हैं लड़का मांगलिक ही ढूँढना! इस एक शब्द “मांगलिक” को एक हौव्वे की तरह समाज के सामने रख दिया गया हैं. हो सकता हैं आप अपने लिए या अपने किसी परिजन की शादी के समय […]
चाहे आप किसी भी धर्म में आस्था रखते हों, हम में से ज्यादातर इस बात पर तो यकीन रखते ही हैं की हमारे चारों और कोई अदृश्य शक्ति तो हैं। कभी शाश्वत सत्य की खोज, कभी ग्रह-नक्षत्रों की गणना, कभी आत्मा की यात्रा की खोज, कभी अनेकानेक अनुत्तरित आध्यात्मिक चमत्कारिक घटनाओं का मंथन कर के […]
संसार से भागे फिरते हो…भगवान् को तुम क्या पाओगे इस लोक को भी अपना न सके…उस लोक में भी पछताओगे 1964 में आयी फिल्म चित्रलेखा का यह गीत संन्यास की सार्थकता पर एक गहरा मन-मंथन प्रस्तुत करता हैं। ईश्वर कण-कण में हैं तो उसकी खोज के लिए संसार छोड़ने की क्या आवश्यक्ता हैं? सब छोड़ […]