जिंदगी जैसे मशीन सी चल रही है बे-रौनक… बे-मतलब सी. अपने आस पास सब नकली सा लगता है… बुझा बुझा सा! जाने क्यों सब कुछ होते हुए मन खुश नहीं रहता। क्या आपको भी लगता है कभी ऐसा… कि कुछ तो है जो मन को चाहिए, पर मिल नहीं रहा है! यह कुछ ऐसा है […]
“जो चीज़ प्रचुरता में ना मिले उसकी भूख बाकी रह जाती है” यह बात हमारे जीवन से जुड़ी हर वस्तु, हर भाव पर लागू होती है। ऐसे ही कुछ अति महत्वपूर्ण भाव हैं – सम्मान, स्वाभिमान, और निजी निर्णय लेने की स्वतंत्रता जो हमारे समाज में आज भी स्त्रियों को इतनी मात्रा में नहीं मिलती […]
मैं बहुत सहनशील हूँ, सब बर्दाश्त कर के भी रिश्ते निभाना आता है मुझे। ना-ना मैं कभी किसी को पलट कर जवाब नहीं देती! क्लेश नहीं शांति चुनती हूँ! किसी को तो रिश्तों की नींव बनना ही होगा ना, जो रिश्तों की नींव बनेगा उसे तो अपनी इच्छाओं को अँधेरी जमीन में दफ़न करना ही […]
‘घर’ दुनिया की सबसे प्यारी जगह ! ‘परिवार’ सबसे सुरक्षित माहौल का नाम ! पर कभी-कभी यही वह जगह बन जाती है जहाँ आपका मन सबसे ज्यादा दर्द से गुजरता है। जहां से स्नेह, भरोसे का अमृत मिलना चाहिए वहीँ किसी से विषैला व्यवहार मिल रहा होता है। दोस्त, पड़ौसी या किसी दूर के रिश्तेदार […]
हर एक बात पर कहते हो तुम कि तू क्या हैं ! तुम्हीं कहो के ये अंदाज-ए-गुफ़तगू क्या हैं !! मियां ग़ालिब का ही नहीं हमारा भी अक्सर वास्ता पड़ता हैं ऐसे लोगों से…! बड़ा मुश्किल हो जाता है खुद को रोकना जब कोई बेवजह, लगातार हमसे रूखा व्यवहार करता हो। कोई गलती बताये तो […]